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ज़िले में बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार जारी


मिलावटी कोयले के कारोबार के पीछे बड़े गिरोह सक्रिय होने का अनुमान

अमन संवाद / सिंगरौली 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंगरौली उर्जाधानी इस समय कोयले में मिलावटखोरी और कालाबाजारी के गंभीर आरोपों के कारण चर्चा में है। कोयला, जो कि बिजली उत्पादन का मुख्य खनिज है, इसमें मिलावट का यह खेल केवल माफियाओं तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें सफेदपोश लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं। कोल माइनिंग में भी बड़े जिला स्तरीय सफेद पोश नेता व अधिकारियों की मिलीभगत है। तभी तो ज़िले में बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध कारोबार चल रहा है। मिलावटी कोयले के कारोबार के पीछे बड़े सिंडिकेट का हाथ है और बड़े लोगों का इनको संरक्षण प्राप्त है। मिलावटी कोयले का यह कारोबार किसी एक की शह पर नहीं बल्कि कइयों की साठगांठ से फलता-फूलता नजर आ रहा है। वैसे तो यह कोई नई बात नहीं है। सिंगरौली में कोयले का काला कारोबार लम्बे समय से फलता-फूलता आ रहा है। कोयला के काले कारोबार का कनेक्शन सीधी के बहरी व सोनभद्र से लगे पड़ोसी जनपद चंदौली के चंदासी कोयला मंड़ी से होते हुए बरेली, झारखंड, कोलकाता तक जुड़ा हुआ है।

*चारकोल दिलाने की जिम्मेदारी सफेदपोश नेता पर*

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोयले में मिलावट का खेल फ़िर शुरू हो चूका है कुछ समय के लिए इस काले धंधे में कुछ कमी जरूर आई थी लेकिन बीतते समय के साथ कोल माफियाओं ने अपना खेल फिर शुरू कर दिया है। आप को बता दें कि नेता जी ने अब रामगढ़ से छाई न मंगवाकर बल्कि झारखण्ड की तिलैया से चारकोल कोयले में मिलावट के लिये मंगवा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि नेता जी की जिम्मेदारी झारखड के तिलैया से लेकर मप्र की बॉर्डर खनहना बैरियर तक का ही रहता है। उसके बाद मप्र के सिंगरौली जिले के बरगवां व मोरवा क्षेत्र में लाने की जिम्मेदारी बरगवां के नेता की होती है जो राजनैतिक सरपरस्ती में सिस्टम के साथ दाव पेंच लगा रहे है। 

*झारखंड के तिलैया से आ रही चारकोल*

सूत्रों ने बताया कि कोयले के काले कारोबार में कोल माफियाओं ने अब रामगढ़ की जगह झारखंड के तिलैया से चारकोल मंगाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार कोल माफिया अपनी गाड़ियों को तिलैया के झारखंड से चारकोल लोड कर सिंगरौली मांगा रहे हैं सूत्र बताते हैं। इसके बाद यह चारकोल बरगवां व मोरवा रेलवे साइडिंग पर चारकोल को पहुंच रहा है। सूत्र बताते हैं कि मिलावट के खेल को प्रमुख कोल कंपनी द्वारा अंजाम दिया जा रहा है यह मिलावट का कारोबार रात के अंधेरे में अंजाम दिया जाता है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोयले में मिलावट का खेल फ़िर शुरू हो चुका है संबंधित सफ़ेदपोश धारी ने इस बार रामगढ़ से नहीं बल्कि झारखण्ड की तिलैया से छाई मागवाकर कोयले में मिलावट का खेल शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि मिलावट खोरी का यह पूरा खेल एक लंबी डील के साथ में हो रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोयले में मिलावट का यह खेल कितने व्यापक स्तर पर फैल चुका है।

*बरगवां में मिलावट का खेल जारी*

सिंगरौली जिले में प्रमुख कोल कंपनीयों पर मिलावटी कोयला बेचने का आरोप लगा है। आरोप है कि कंपनी बरगवां, रेलवे साइडिंग में मिलावटी कोयला खपा रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। सूत्रों के अनुसार कोल कंपनी चारकोल न होने पर क्षेत्र के क्रेशरों से भस्सी मिलाकर मालगाड़ी के रैक में लोडिंग करा रही है। बताया जाता है कि यह खेल राजनैतिक सरपरस्ती में हो रहा है।

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