अमन संवाद / सिंगरौली
सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बैढ़न कोतवाली क्षेत्र के शासन चौकी अंतर्गत अवैध रेत खनन का कारोबार इन दिनों अपने चरम पर है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि कुछ प्रभावशाली लोग समाज सेवा और राजनीति की आड़ में इस अवैध धंधे को चला रहे हैं। इस मामले में एक व्यक्ति जिसे विशेष नाम जाना जाता है उसका नाम सामने आ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उक्त व्यक्ति खुद को समाजसेवी और राजनीतिक रसूखदार बताकर प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं और खुलेआम अवैध रेत कारोबार कर रहे हैं। यह भी आरोप है कि रेत के इस गोरखधंधे में कई ट्रक और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो रात के अंधेरे में नदी से अवैध रूप से रेत निकालकर अन्य स्थानों पर भेजी जाती है।
*प्रशासन की चुप्पी पर सवाल...*
लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध रेत खनन का धंधा कोई नया नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन और पुलिस को सब कुछ पता होने के बावजूद इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। यह संदेह पैदा करता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक मिलीभगत भी हो सकती है।
*पर्यावरण को हो रहा नुकसान...*
अवैध रेत खनन से न केवल सरकारी राजस्व को बड़ा नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर क्षति पहुंच रही है। नदियों के किनारे लगातार खनन किए जाने से जलस्तर घट रहा है, जिससे आसपास के गांवों में पानी की समस्या गहरा रही है। साथ ही, रेत खनन से नदियों का प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ रहा है, जिससे भविष्य में भारी भू-क्षरण और बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
*स्थानीय लोग बोले—जल्द हो कार्रवाई...*
क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। यदि समय रहते इस गोरखधंधे पर लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम पूरे क्षेत्र को भुगतना पड़ सकता है अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है या फिर अवैध रेत माफियाओं की दबंगई इसी तरह जारी रहेगी।
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