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भाजपा नेत्री साध्वी निरंजन ज्योति के हर चुनाव में बसपा ही दिखी निकटतम प्रतिद्वंदी


भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति का बसपा से रहा है हमेशा ही इर्द - गिर्द का मामला 

शीबू खान अमन संवाद/फतेहपुर 

इसे महज़ इत्तेफाक कहें या फिर संयोग कि भाजपा नेत्री एवं केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का हर चुनाव में बसपा से ही प्रतिद्वंदिता दिखाई दिया है फिर चाहे वो हमीरपुर सीट से विधानसभा का परिणाम रहा हो या फिर पिछले दो बार से फतेहपुर संसदीय सीट के नतीजे ही क्यों न रहे हों। 

बीते लोकसभा चुनाव - 2019 में जब भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर से मैदान में रही हैं तो सपा - बसपा के बीच हुए गठबंधन में ये सीट बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के खाते में गई थी और बसपा के चुनाव चिन्ह पर दिवंगत बसपा नेता रहे सुखदेव प्रसाद वर्मा ने रनर का मुकाम हासिल किया था। परिणाम के आधार पर बात करें तो भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति ने सर्वाधिक 566040 (54.2 प्रतिशत) वोट पाकर जीत हासिल की थी जबकि रनर के रूप में बसपा प्रत्याशी सुखदेव प्रसाद वर्मा को महज़ 367835 (35.2 प्रतिशत) वोट पर ही संतोष करना पड़ा था। इसी क्रम में अगर लोकसभा चुनाव - 2019 की बात करें तब भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को सर्वाधिक 485994 (46 प्रतिशत) वोट मिले थे और जिले से माननीय सांसद बनकर संसद भवन का रुख किया था जिसके बाद मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री का पदभार मिला था, इसी चुनाव में बसपा प्रत्याशी अफ़ज़ल सिद्दीकी को 298788 (28.3 प्रतिशत) पर संतोष होने के साथ ही रनर रहना पड़ा था। 

वहीं अब बात करेंगे विधानसभा चुनाव की जहाँ 2002 में हमीरपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को बसपा उम्मीदवार शिवचरण ने शिकस्त दी थी। परिणाम के अनुसार बसपा उम्मीदवार शिवचरण को सर्वाधिक 41636 (36.6 प्रतिशत) वोट देकर हमीरपुर विधानसभा क्षेत्रवासियों ने विधायक बनाया था जबकि भाजपा उम्मीदवार रहीं साध्वी निरंजन ज्योति को 32674 (28.8 प्रतिशत) मत पाकर रनर बनना पड़ा था। इसके बाद 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में हमीरपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अशोक सिंह चंदेल ने सर्वाधिक 43672 (36 प्रतिशत) वोट पाकर विधायक बने थें जबकि बसपा उम्मीदवार शिवचरण प्रजापति ने 36576 (30.2 प्रतिशत) वोट पाकर दूसरा स्थान तो भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को 25164 (20.8 प्रतिशत) वोट पाकर तीसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा था अर्थात बसपा का साथ यहां भी भाजपा प्रत्याशी के इर्द - गिर्द दिखाई दिया है। इसी क्रम में 2012 के विधानसभा चुनाव में इसी हमीरपुर विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति ने सर्वाधिक 63762 (27.6 प्रतिशत) वोट पाकर जीत हासिल की जबकि रनर के रूप में बसपा प्रत्याशी फ़तेह मोहम्मद खान को 55938 (24.2 प्रतिशत) वोट पाकर संतोष करना पड़ा, यहाँ भी देखा जाये तो बसपा ही निकटतम प्रतिद्वंदी पार्टी रही है।      

उपरोक्त दर्शाए गए आंकड़ों से साफ़ है कि किस तरह से भाजपा नेत्री साध्वी निरंजन ज्योति का चुनाव द्वन्द हमेशा ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशियों से होता रहा है चाहे वो हमीरपुर में विधानसभा के चुनावों में दिखाई दिया हो या फिर फतेहपुर में बीते संसदीय चुनाव में रहा हो। देखना दिलचश्प होगा कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति को कौन दल या कौन प्रत्याशी मात देगा या फिर उनसे मात खाकर रनर बनेगा ?

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