दो दिन तक कड़ी धूप में मरणासन्न स्थिति में पड़ा रहा गोवंश साथ ही दो गोवंशो की मौत
अमन संवाद
कानपुर देहात ब्यूरो
सरवन खेड़ा ब्लॉक के गोगोमऊ गांव में बने गौशाला से सामने आया शर्मसार कर देने वाला रवैया। दो दिन तक भीषण गर्मी व कड़ी धूप में पड़ा रहा जीवित गोवंश, एवं इन्हीं हरकतों से दो अन्य गोवंशों की भी मौत। वैसे तो शासन प्रशासन द्वारा इस भीषण गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए गौ आश्रय केंन्द्रो मे गोवंशों के लिए काफी सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। पर जमीनी स्तर पर कितनी व्यवस्थाएं सही तरीके से चल रही हैं यह बात और है।
कुछ इसी तरह से एक मामला सामने आया है मामला सरवन खेड़ा ब्लॉक के गोगोमऊ गांव का है जहां पर गांव के बाहर एक गौशाला संचालित है लेकिन स्थिति ऐसी हैं की मानो बेजुबानो को किसी बात की सजा मिल रही हो।
हम आपको बता दें कि गोगोमऊ स्थित गौशाला में मंगलवार को दो गोवंश मृत पड़े मिले एवं तीसरा गोवंश मरणासन्न स्थिति में मिला इस गोवंश को तो देख कर लगा की जैसे इस बेजुबान को किसी बात की सजा मिल रही हो एवं शर्म की सारी हदें पार हो गई तब जब यह बेजुबान दो दिन तक ऐसी भीषण गर्मी व धूप में खुले में पड़ा रहा लेकिन इस गोवंश पर किसी का ध्यान नहीं गया ना ग्राम विकास अधिकारी का ना ग्राम प्रधान का और ना वहां पर काम कर रहे वर्कर का। गौशाला की स्थिति ऐसी है कि यदि कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह स्वयं को कार्रवाई करने से नहीं रोक पाएगा।
पूरे गौशाला में भीषण गंदगी व्याप्त है गोवंशो को चारे में सूखा भूसा जिसमें थोड़ा पानी डालकर खिलाया जा रहा है, हरे चारे का तो नामो निशान नहीं है सितम की बात यह है कि यह सारी समस्या दो या चार या पांच दिन में तो व्याप्त नहीं हुई है यह समस्या काफी समय से चली आ रही है।
*इस संबंध में जब ग्राम विकास अधिकारी अर्जुन सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने केदारनाथ में होने की बात कही और फोन काट दिया*
गौशाला की हालात देखने के बाद हर कोई यही कहेगा कि मानो इन बेजुबानों पर अत्याचार सा हो रहा है।
हौदे में कहीं भूसे में मिला गोबर है तो कहीं सड़ा हुआ भूसा है और हरे चारे की तो बात दूर-दूर तक ना ही करें तो ज्यादा बेहतर है।
वहीं इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की मामला संज्ञान में आया है जांच करके उचित कार्रवाई की जाएगी। फ़िलहाल अब मुद्दा यह भी है कि क्या सच में कार्रवाई होगी या मामला ऐसे ही शांत हो जाएगा?
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