आजकल अनेकों माध्यम हैं एक किसी भी प्रकार के समाचार को सरकार से लेकर आमजन मानस तक पहुंचाने के लिए फिर भी एक खबर के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित रूप से लिखकर प्रस्तुत करने के लिए पत्रकार की आवश्यकता होती है।
आजकल अक्सर यह पढ़ने और देखने को मिलता है कि किसी भी खबर की तह तक पहुंचे बिना ही जल्दबाजी के चक्कर में कुछ भी वायरल कर दिया जाता है जिसका बाद में सरकारी एजेंसियों द्वारा खंडन किया जाता है जिसको फैक्ट चेक भी कहते हैं।
अनेकों ऐसे अधबने पत्रकार भी हैं जो कि आधी अधूरी बातों को गौर किए बिना एक सनसनीखेज हेडिंग बनाकर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित या प्रसारित करते हैं जो कि गलत है और पत्रकारिता की दृष्टि से देखा जाए तो बिलकुल भी ठीक नहीं है।
एक बात यहां यह भी बताने लायक है कि कुछ अधबने पत्रकारों द्वारा ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है जो कि पत्रकारिता के आचरण के विपरीत होता है।
आज यहां जरुर बताना चाहूंगा कि इस फील्ड में हर प्रकार का व्यक्ति आना चाहता है जिसे लगता है कि इससे वह अपनी पहचान तत्काल प्रभाव से सभी के बीच बना पाएगा और अनेकों माध्यम से धनार्जन कर सकेगा जो कि गलत सोचता है।
अब विडंबना यहां पर उन पत्रकारों की है जो कि वास्तविक रूप से व्यवस्थित ढंग से खबर को लिखकर शासन प्रशासन और जनता के बीच रखते हैं उनको ना तो ढंग का पारिश्रमिक ना उचित सम्मान दोनों नहीं मिल पाता है जबकि वहीं चाटुकारिता करने वाले लोग सभी जगहों से अपने काम निकलवाने में सक्षम होते हैं और यही लोग उचित पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को तथाकथित और फर्जी घोषित करने एवं लिखने में भी हिचकिचाते नहीं हैं।
अक्सर यह पढ़ने और देखने को भी मिलता है कि पत्रकारिता की साख दांव पर लगी हुई है तो पत्रकारिता को दांव पर लगाने वाले कोई और नहीं ऐसे ही लोग होते हैं जिनकी वजह से आमजन मानस एवम सरकार के बीच पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाते हैं।
सन्तोष कुमार सम्पादक
दैनिक अमन संवाद समाचार पत्र भोपाल
9755618891, 9425163540
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