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रेत खनन कंपनी पर नेता ने लगाए गंभीर आरोप, कलेक्टर को लिखा पत्र






अरुण लोधी / अमन संवाद / नरसिंहपुर 

अवैध वसूली, अवैध बैरियर और नियमों की अनदेखी का बड़ा खुलासा

अमन संवाद/नरसिंहपुर 

प्राप्त जानकारी के अनुसार एक पत्र वायरल हो रहा है जिसमें कि जिले में रेत खनन से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। एक नामी पार्टी के जिला अध्यक्ष ने कलेक्टर को पत्र लिखकर एक  कंपनी पर अवैध वसूली और नियमों की अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी सरकार द्वारा निर्धारित दर से तीन गुना अधिक रॉयल्टी वसूल रही है और अवैध बैरियर लगाकर वाहनों से जबरन वसूली कर रही है।

 अवैध उत्खनन और मनमानी वसूली के आरोप

पत्र में कहा गया है कि शासन द्वारा निर्धारित खनन क्षेत्रों के बाहर भी कंपनी अवैध रूप से रेत उत्खनन कर रही है। सरकारी दर ₹275 प्रति घन मीटर निर्धारित है, लेकिन कंपनी ₹825 प्रति घन मीटर की दर से रॉयल्टी वसूल रही है। ,हाईवे निर्माण के लिए निर्धारित ₹3,300 प्रति घन मीटर की दर के बजाय ₹19,800 प्रति घन मीटर तक वसूली की जा रही है।,बिना प्रशासनिक अनुमति के कई स्थानों पर अवैध बैरियर लगाए गए हैं, जिससे आम जनता और व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।

ग्राम पंचायतों और स्थानीय प्रशासन को किया गया नजरअंदाज

नेता ने पत्र में आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतों और स्थानीय प्रशासन को रेत खनन की जानकारी नहीं दी गई।,नियमों के खिलाफ जाकर पानी भरे इलाकों में भी खनन किया जा रहा है।,ग्रामीणों से तीन गुना अधिक दाम वसूले जा रहे हैं, जबकि सरकार ने निर्माण कार्यों के लिए उन्हें राहत देने की नीति बनाई थी। साथ ही मजदूरों की जगह पोकलैंड मशीनों का उपयोग कर खनन किया जा रहा है, जिससे स्थानीय श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा।

 सरकारी ठेकेदारों से भी दोहरी रॉयल्टी की वसूली

पत्र में कहा गया है कि सरकारी कार्यों के लिए रेत लेने वाले ठेकेदारों से भी दोहरी रॉयल्टी वसूली जा रही है। निर्धारित शुल्क चुकाने के बावजूद ठेकेदारों को अतिरिक्त पैसा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।गिट्टी और अन्य निर्माण सामग्री पर भी अवैध शुल्क लगाए जा रहे हैं।

 बिना अनुमति लगाए गए बैरियर तुरंत हटाए जाएं 

पत्र में कहा कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। सरकारी ठेकेदारों से ली गई अतिरिक्त रॉयल्टी की राशि वापस की जाए। ग्रामीणों को सरकार की नीति के अनुसार मुफ्त रेत निकालने की अनुमति दी जाए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और पुलिस अधीक्षक को पत्र की प्रतिलिपि भेजी है अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद बन सकता है।

 एफआईआर और जांच की मांग*

 नेता ने इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

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