जिले के शासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य की तैयारी हेतु 21वीं सदी के कौशल आधारित आकलन प्रक्रिया का शुभारंभ
पूजा ज्योतिषी
अमन संवाद/ मंडला
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा अनुसार, विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास एवं बेहतर भविष्य की तैयारी हेतु 21वीं सदी के कौशल विकास पर जोर दिया जाना अवश्य है ताकि विद्यार्थी में विषय ज्ञान के साथ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण कौशल जैसे टीमवर्क, समस्या समाधान, रचनात्मक सोच, लीडरशिप आदि का विकास भी हो सके। जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश एवं पीरामल फाउंडेशन के सहयोग द्वारा इस आकलन को प्रदेश के आदिवासी विभाग के अंतर्गत आने वाली 12 जिले के 528 विद्यालयों में संपन्न किया जाना है जिसका प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों के कौशल विकास के स्तर एवं शिक्षकों तैयारी पर समझ बनाना है।
जिले के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त एल. एस. जगेत ने बताया कि मंडला जिले के 9 ब्लॉक के 64 विद्यालयों को रैंडम सैंपलिंग के माध्यम से इस आकलन के लिए विभाग द्वारा चयनित किया गया है। इन चयनित विद्यालयों के 4800 विद्यार्थीयों का आकलन किया जाना निर्धारित किया गया है।जिला स्काऊट प्रभारी दिनेश दुबे ने आकलन संबंधित जानकारी साझा करते हुए बताया कि विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देश अनुसार एवं मंडला, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के मार्गदर्शन में विद्यालयों को आकलन सामग्री उपलब्ध करा दी गई है एवं दिनांक 15 व 16 मार्च को इस आकलन को विद्यालय स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
इस आकलन प्रकिया में दो तरह के आकलन टूल का प्रयोग किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों के लिए अवश्य महत्वपूर्ण कौशल एवं सोशल इमोशनल वेलबीइंग के स्तर को समझा सके।
इस पूरी प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन हेतु पीरामल टीम के गांधी फैलो प्रवीण देशमुख, दिवाकर रंजन ,भोपाल से आए पीरामल फाउंडेशन की सदस्य यामिनी वर्मा द्वारा जनजातीय कार्य विभाग सहायक आयुक्त के साथ चयनित विद्यालयों का भ्रमण कर आकलन प्रक्रिया का अवलोकन किया गया।
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