जनजाति बहुल 40 गांवों में पहुँचे देश भर से आए 350 से अधिक कार्यकर्ता
अमन संवाद/भोपाल
विद्या भारती अखिल भारतीय पूर्ण कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग 3 मार्च से 8 मार्च तक सरस्वती विद्या मंदिर शारदा विहार आवासीय विद्यालय में चल रहा है। अभ्यास वर्ग में देश भर से आए 700 पूर्णकालिक कार्यकर्ता सहभागिता कर रहे हैं। कार्यक्रमों की पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार 350 से अधिक कार्यकर्ताओं ने ग्राम दर्शन किए।
देशभर से आए सभी कार्यकर्ता स्थानीय ग्राम
जीवन से प्रत्यक्ष रूप से अवगत हों इस दृष्टि से जनजाति बहुल 40 चयनित जनजाति बहुल ग्रामों में कार्यकर्ताओं ने ग्राम संस्कृति के दर्शन किए। इस अवसर पर इन ग्रामों में संचालित संस्कार केन्द्रों का भी कार्यकर्ताओं ने अवलोकन किया।
सरस्वती विद्या मंदिर आवासीय विद्यालय शारदा विहार भोपाल आसपास 40 गांव में संस्कार केंद्र का संचालन करता है इन्हीं 40 केंद्रों पर 40 टोली में कार्यकर्ता ने ग्राम जीवन के दर्शन किए छात्र एवं ग्रामीणों से संवाद किया। इस अनुभव यात्रा में अखिल भारतीय, क्षेत्रीय पदाधिकारी भी सम्मिलित थे।
सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के केंद्र हैं संस्कार केंद्र
विद्या भारती द्वारा संचालित संस्कार केंद्र सामाजिक परिवर्तन के केंद्र हैं। निशुल्क रूप से संचालित इन केंद्रों में बच्चों में शिक्षा, संस्कार के साथ राष्ट्र जागरण, सामाजिक समरसता का भाव जागृत करने के साथ उन्हें स्वच्छता, जैविक खेती, सामाजिक कुरीतियों को दूर करने सहित शासकीय योजनाओं की जानकारी आदि दी जाती है। इससे गांवों में बड़े परिवर्तन आए हैं।
ग्रामीणों ने किया आत्मीय स्वागत
कार्यकर्ताओं के स्वागत की ग्रामीणों द्वारा विशेष तैयारियां की गईं। गाँव तोरण द्वार लगाए गए और रंगोली सजाई गईं। कार्यकर्ताओं की ढोल धमाकों के साथ परंपरागत
अगवानी की गई। कार्यकर्ताओं के पहुँचने पर तिलक लगातार उनका स्वागत किया गया। स्वागत के कार्यक्रम के क्षण बहुत भावात्मक रहे। अपरिचितों का स्वागत इतना आत्मीयता पूर्ण अतिथि देवो भव के भाव को साकार कर रहा था।
विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी
संस्कार केंद्र में पढ़ने वाले छात्रों ने राष्ट्रभक्ति एवं सामाजिक जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। जो संस्कार केंद्र में मिले संस्कारों को प्रदर्शित कर रही थी
ग्रामीणों के घर किए भोजन
सभी कार्यकर्ताओं का भोजन ग्रामीणों ने अपने परिवार में रखा था। 350 परिवारों में भोजन की व्यवस्था की गई थी। समरसतापूर्ण वातावरण में ग्रामीणों द्वारा अपने घरों में कार्यकर्ताओं को भोजन कराए गए।
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