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एक शराब समूह के लिए निविदा नियमों में ढिलाई बरतने का लगा आरोप


अमन संवाद /  सिंगरौली

प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि एक शराब समूह के लिए सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर निजी लाभ के लिए नियमों को किया गया है नजर अंदाज। बताया जा रहा है कि दरअसल पूरा मामला सिंगरौली जिले से जुड़ा हुआ है वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले भर के शराब समूह को लेकर आगामी वर्ष के लिए 20 प्रतिशत की राशि बढ़ोतरी के साथ शराब दुकान आवंटित करनी थी जिसे लेकर सिंगरौली आबकारी विभाग ने भी बाकायदा इसके लिए नियमों का पालन करते हुए पहले तो वर्तमान समय में कार्यरत शराब समूहों से उन्हें नियम कानून बताकर कार्य की शुरुआत की और सभी समूहों का रिन्युवल करा दिया गया।आबकारी विभाग के द्वारा एक शराब समूह पर मेहरबानी का आरोप लगा है। हर वर्ष प्रदेश सरकार के खजाने को भरने में सहायक आबकारी विभाग अपनी भूमिका और योगदान के लिए जाना जाता है सरकार को अरबो रुपये देने वाले इस विभाग में जरूरी लायसेंस प्राप्ति के लिए बनाए गए नियम कानून को धता बताकर नियमों को दरकिनार करते हुए लाइसेंस रिन्युवल की प्रक्रिया का कोरम पूरा करने के आरोप लग रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार नियम के मुताबिक 14 शराब समूहों ने 3 मार्च की मध्य रात्रि के पहले ही नियमों का पालन करते हुए माँग राशि व जरूरी दस्तावेज जमा कर दिया वहीं एकमात्र शराब समूह के द्वारा नियत समयावधि 3 मार्च की मध्यरात्रि की बजाय अगले दिन 4 मार्च को 20 प्रतिशत की राशि जमा कर कोरम पूरा किया। जबकि बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश राजपत्र दिनाँक 14 फरवरी 2025 के नियम क्रमांक 9.6 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि नवीनीकरण के माध्यम से निष्पादन की स्थिति में सफल आवेदक अथवा चयनित लॉटरी दाता को वार्षिक लाइसेंस फीस की शेष राशि निष्पादन की तिथि से तीन दिवस के अंदर ही आबकारी पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करनी होती है। तीन दिवसों की गणना में निष्पादन की कार्यवाही का दिन एवं अवकाश के दिन (बैंक बंदी दिवस अथवा बैंक हड़ताल दिवस सहित यदि कोई हो) को गणना में नहीं लिया जाएगा नियत अवधि के अंतिम दिन से अभिप्राय उसे दिनांक को रात्रि 12:00 तक होगा। सूत्रों के द्वारा बताए जा रहे इन आरोपों  एवं नियमो से स्पष्ट होता है कि इस पूरे मामले को लेकर की गई निविदा संदेह की घेरे में है। 

आबकारी विभाग के अपने तर्क

आबकारी अधिकारी के द्वारा मामले पर बताया गया है कि शनिवार को अवकाश में लेते हुए तय समय के बाद की गई प्रक्रिया को सही बताया। जबकि उक्त शनिवार को बैंक में अवकाश नही था।

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