अमन संवाद/भोपाल
परमात्मा की दिव्य प्रेरणा से हुआ राजयोग भवन का निर्माण। ये कहना था भोपाल जोन की कॉर्डिनेटर राजयोगिनी अवधेश दीदी का। मौका था भोपाल के ब्रह्माकुमारीज के मुख्य सेवा केंद्र राजयोग भवन के 41वे वार्षिकोत्सव का। उन्होंने बताया कि भोपाल जोन के केंद्र राजयोग भवन का निर्माण सहजता से हुआ। दीदी ने बताया कि योग के प्रयोग से आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के बावजूद भी इस भवन का निर्माण परमात्मा की प्रेरणा से सहजता से हुआ।
सात दिन लगातार योग के प्रयोग से सहायता मिलने लगी और इस भवन का निर्माण संभव हो पाया।
बी.के. आकृति दीदी ने बताया की राजयोग भवन से अनेक रत्न निकले हैं जो अलग अलग स्थानों पर सेवाएं कर रहे हैं और परमात्मा के प्रत्यक्ष्ता का झंडा पूरे विश्व में लहरा रहे हैं। राजयोग भवन ने हर आत्मा में आध्यात्मिक ज्ञान और गुणों का दीपक जागृत कर हर आत्मा को स्टार बना दिया है। उन्होंने बताया कि राजयोग भवन की नींव महेंद्र भाईसाहब ने रखी थी जिन्हें भगवान भी स्वयं याद करते हैं और उन्हें किंग महेंद्र का टाइटल दिया था। दीदी ने बताया कि महेंद्र भाई ने इस भवन में सर्व आत्माओं के कल्याण अर्थ लॉ और लव का बैलेंस रखा। उन्होंने बताया कि राजयोगिनी अवधेश दीदी राजयोग भवन को अपने निर्मल प्यार से आज तक सींच रही हैं और सभी को आगे बढ़ा रही हैं। सभी ने केक काट कर खुशियां मनाई। बी.के. अर्जुन ने कृष्ण बनकर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया और सभी का मन मोह लिया और कृष्ण लीला भी दर्शाई। साथ ही सभी के साथ होली खेली। इस मौके पर सभी को भाई दूज का टीका भी लगाया गया और ईश्वरीय सौगात भी भेंट की गई। बड़ी संख्या में भाई बहनें कार्यक्रम में शामिल हुए।
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