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पत्रकार हत्याकाण्ड पर सीजेए संगठन ने उठाई कार्यवाही की मांग, लिखा पत्र

 संस्थापिका पुष्पा पांड्या, संरक्षक पीयूष त्रिपाठी ने मजबूती से रखी अपनी बात 

- राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी ने अध्यक्षता करते हुए सख्त कानून की रखी मांग 

- सीजेए के साथ ही आईएफएसएमएन व वी द प्यूपिल भी उतरा मैदान में 

अमन संवाद/लखनऊ



बीते शनिवार को सीतापुर जनपद में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेयी की दिनदहाड़े गोलियों से की गई निर्मम हत्या की निंदा एवं न्याय की मांग होना शुरू हो गयी है। इसी कड़ी में रविवार को गूगल मीट के माध्यम से साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन (सीजेए) की ऑनलाइन बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी की गई जबकि संचालन राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान द्वारा किया। इस बैठक में दर्जनों की तादाद में पत्रकारों के साथ ही अन्य विधा के कलमकारों ने शिरकत कर अपनी बात रखी है। 

सीतापुर में हुए पत्रकार हत्याकाण्ड पर सर्वप्रथम दो मिनट का मौन रखकर शहीद पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी तत्पश्चात इण्डियन फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स (आईएफएसएमएन) की कार्यवाहक अध्यक्ष तथा सामाजिक संगठन वी द प्यूपिल की अध्यक्ष मंजू सुराणा ने पत्रकार हित में ग्रह मंत्री अमित शाह से मिलकर पत्रकारों के साथ होने वाले अपराधों के विरुद्ध आवाज उठाने का सुझाव दिया। इसी कड़ी में साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक पीयूष त्रिपाठी ने कहा कि पहले दैनिक जागरण संस्थान से मिलकर उनकी ओर से कार्यवाही की क्या रुपरेखा ये भी जानना चाहिए नहीं तो जो हमसे हो सकेगा वो हम करेंगे और शहीद पत्रकार के घर पहुंचे की बात कही है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि आजकल हर आदमी के आँख में पत्रकार के विरुद्ध अपमान है लोगों में धारणा है कि पत्रकार को मारने से कुछ नहीं होगा। वहीं संगठन की संस्थापिका पुष्पा पांड्या ने कहा कि पुलिस निर्दोषों को बंद कर रही है और कुछ नहीं हो रहा है इसलिए पहले सिस्टम पर कार्यवाही तय कराई जाये, आगे कहा कि जब सवाल नहीं कर सकते तो पत्रकारिता किस काम की है और पत्रकारों के हत्यारों को फांसी दिया जाना चाहिए ताकि पत्रकारिता जिन्दा रहे। इसी कड़ी में राष्ट्रीय अध्यक्ष शाश्वत तिवारी ने कहा कि आज पत्रकारों की हत्या के रूप में पत्रकारिता की आवाज और विचारधारा की मौत हो रही है। उन्होंने आगे बताया कि इस प्रकरण में हमारे संगठन की ओर से ग्रह मंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन के साथ ही डीजीपी यूपी पुलिस और जिलाधिकारी सीतापुर से पत्र लिखकर शहीद पत्रकार के हत्यारों को अतिशीघ्र गिरफ्तार करने के साथ ही पीड़ित परिजनों को एक करोड़ रुपये बतौर मुआवजा एवं भरण - पोषण हेतु परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की माँग की गयी है। वहीं राष्ट्रीय महासचिव शीबू खान एवं संरक्ष सदस्य मधुसूदन डोरिया द्वारा मामले को भारतीय प्रेस परिषद एवं सूचना प्रसारण मंत्री के साथ ही महामहिम राज्यपाल से न्याय हेतु गुहार लगाने की बात कही है। वहीं उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष शहंशाह आब्दी, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं दिल्ली - एनसीआर के प्रभारी अश्वनी श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश राज्य अनुशासन समिति के चेयरमैन कमाल अहमद खान के साथ ही कानपुर, फतेहपुर, कौशाम्बी एवं प्रयागराज जिला इकाई के पदाधिकारियों ने एक राय होकर पत्रकार उत्पीड़न के विरुद्ध धरना - प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने की बात कही है। वहीं संगठन के राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य आशीष तिवारी ने कहा कि आज तो पत्रकारों को अपनी कलम रख और रोक देनी चाहिए क्यूंकि आज हमारा पत्रकार भाई मारा गया है शायद अगला नंबर किसका हो। 

इस दौरान त्रिभुवन सिंह, शारिब कमर अज़मी, प्रदीप कुमार, धीर सिंह यादव, सुनील श्रीवास्तव, महेश चौधरी, अनिल विश्वकर्मा, सुशीला सिंह, कमरुल निशा, एडवोकेट जावेद खान, करम मोहम्मद, सोनू विश्वकर्मा, बाल किशन, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, फरयाद खान, विपिन सिंह, कृष्णा पाठक, विवेक सिन्हा, अभिषेक सिंह, वसीम खान, साजिद सिद्दीकी सहित दर्जनों की तादाद में साइबर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी, सदस्य एवं अन्य संगठनों के पत्रकार उपस्थित रहे।

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