अमन संवाद/भोपाल
कभी चुपचाप अपने विकास की राह तलाशता बोरगांव आज पूरे प्रदेश में सबसे चमकता नाम बन गया है। यह सम्मान सिर्फ एक पंचायत की नहीं उन अनगिनत दिलों की जीत है जिन्होंने अपने गांव को बेहतर बनाने का सपना सीने में दबाए रखा था और आज वह सपना सच होकर उनके सामने खड़ा है। मध्यप्रदेश स्तर पर कर संग्रह में प्रथम स्थान प्राप्त करने की घोषणा जब हुई तो जैसे पूरे बोरगांव के मन में वर्षों की मेहनत,भरोसा और उम्मीद एक साथ खिल उठे। कोई ताली नहीं बजा रहा था सब मानो अपने मन में ही नम आँखों से यह कह रहे थे हमारा गांव यह कर सकता है और कर दिखाया।
राज्य सरकार के सम्मान समारोह में जब सरपंच पंकज श्रीपत दातरकर का नाम पुकारा गया तो उनके चेहरे पर भरी भावनाओं की चमक किसी शब्द में बयां नहीं की जा सकती। वह आगे बढ़ रहे थे पर उनके साथ जैसे बोरगांव की मिट्टी की खुशबू, बुजुर्गों की दुआएं और हर घर की उम्मीद चल रही थी।
मंच से बोले उनके शब्द किसी भाषण की तरह नहीं बल्कि गांव के प्रति उनके प्रेम की तरह लगे उन्होंने कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं यह बोरगांव की माँओं की मेहनत का है उन किसानों की ईमानदारी का है उन युवाओं की निष्ठा का है जो अपने गांव को बेहतर बनते देखने के लिए हर दिन कुछ न कुछ करते हैं। यह सम्मान उस भरोसे का है जो जनता ने बिना शक हमारे हाथों में रखा। कर की हर राशि को पारदर्शिता से वहीं लगाया गया जहाँ गांव की धड़कनें धड़क रही थीं। जहाँ बच्चे उबड़-खाबड़ सड़कों पर ठोकर खाते थे वहाँ आज समतल रास्ते हैं। जहाँ अंधेरा था वहाँ रोशनी ने घर-आंगन को उजाला दिया। जहाँ पानी के लिए इंतज़ार था वहाँ अब हर घर तक स्वच्छ जल पहुँचता है और जहाँ उम्मीदें धुंधली थीं वहाँ आज विकास का सूरज चमक रहा है।
*इनसेट बॉक्स*
राज्य शासन ने जब बोरगांव को आदर्श और प्रगतिशील पंचायत कहा तो यह सिर्फ एक उपाधि नहीं थी यह उन अनकहे संघर्षों की पहचान थी जो गांव के हर व्यक्ति ने अपने तरीके से झेले।बोरगांव आज सिर्फ एक पंचायत नहीं यह भरोसे का स्मारक है।यह मेहनत की मिसाल है यह उस सच का प्रमाण है कि जब जनता और जनप्रतिनिधि एक दिल होकर चलें तो छोटा सा गांव भी पूरे प्रदेश को राह दिखा सकता है।

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