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नीमच से निकला विश्वास का चेहरा – जगदीश देवड़ा

✍️ लेखक: सन्तोष कुमार

राजनीति के विशाल परिदृश्य में कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो केवल सत्ता की पहचान नहीं बनते, बल्कि विश्वास का प्रतीक बन जाते हैं। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ऐसे ही जननायक हैं, जिन्होंने अपने कार्य, विचार और सादगी से जनता के दिलों में जगह बनाई है। नीमच की धरती से उठकर राज्य की सत्ता के उच्चतम दायित्वों तक पहुँचना उनकी उस यात्रा की कहानी है जिसमें संघर्ष, समर्पण और जनसेवा की सच्ची भावना एक साथ चलती रही है।


देवड़ा जी का राजनीतिक जीवन किसी राजसी विशेषाधिकार का परिणाम नहीं, बल्कि सतत परिश्रम और जनता के प्रति ईमानदार दृष्टिकोण की परिणति है। बचपन से ही उनमें सेवा का भाव और समाज के प्रति दायित्व की भावना रही। संगठनात्मक कार्यों से लेकर जनआंदोलनों तक, उन्होंने हर जिम्मेदारी को साधारण कर्मठता से निभाया। राजनीति में उनका प्रवेश भी पद प्राप्ति की आकांक्षा से नहीं, बल्कि समाज के बीच रहकर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से हुआ। यही कारण है कि उनका हर निर्णय, हर पहल जनता के जीवन से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया।

जब उन्हें राज्य के वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना और सांख्यिकी जैसे जटिल और निर्णायक विभागों का दायित्व सौंपा गया, तब उन्होंने यह साबित किया कि व्यवस्था को सुधारने के लिए नारे नहीं, नीयत चाहिए। उन्होंने वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता दी और पारदर्शिता को शासन की आत्मा बनाया। उनके कार्यकाल में डिजिटलीकरण, योजनाओं की निगरानी में सुधार और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग ने राज्य के आर्थिक ढांचे को नई मजबूती दी। कोविड-19 जैसी अभूतपूर्व चुनौती के दौरान जब पूरा देश वित्तीय दबाव से जूझ रहा था, तब मध्य प्रदेश की स्थिर अर्थव्यवस्था ने लोगों को भरोसा दिलाया कि नीतियों से ज्यादा, नीयत मायने रखती है — और यह नीयत थी जगदीश देवड़ा जैसी नेतृत्वकारी सोच की।

उनकी राजनीतिक दृष्टि का केंद्र सदैव गाँव, किसान और आम नागरिक रहा है। वे बार-बार कहते हैं — 'प्रदेश का विकास तभी संभव है जब गाँव सशक्त हों और किसान समृद्ध।' यही कारण है कि उन्होंने ग्रामीण विकास, कृषि उन्नति और स्थानीय अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण को अपनी नीतियों का आधार बनाया। वे स्वयं गाँवों में जाकर योजनाओं की समीक्षा करते हैं, किसानों से संवाद करते हैं और प्रशासन को जनता की वास्तविक समस्याओं के समाधान पर केंद्रित रहने की प्रेरणा देते हैं। यही जमीनी जुड़ाव उन्हें एक 'ऑफिस-बेस्ड पॉलिटिशियन' नहीं, बल्कि एक मैदान में खड़ा जननेता बनाता है।

उनका व्यक्तित्व सादगी से भरा है, पर सोच अत्यंत गहरी। वे कम बोलते हैं, पर जब बोलते हैं तो बात सीधी दिल में उतरती है। उनके हर कदम में विनम्रता है, हर निर्णय में जिम्मेदारी की झलक। राजनीति के उस दौर में, जहाँ दिखावे और प्रचार ने मूल्यों को पीछे छोड़ दिया है, वहाँ जगदीश देवड़ा सादगी और कार्यकुशलता के प्रतीक हैं। वे मानते हैं कि नेतृत्व का अर्थ आदेश देना नहीं, बल्कि जनता के सपनों को अपनी प्राथमिकता बनाना है।

उनकी कार्यशैली का एक विशेष पहलू है — 'परिणाम आधारित शासन।' वे नीतियों और योजनाओं को केवल घोषणा तक सीमित नहीं रहने देते, बल्कि उनके प्रभाव का आकलन भी करते हैं। उनके लिए आंकड़े महत्त्वपूर्ण हैं, पर उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है कि उन आंकड़ों के पीछे जनता की मुस्कान हो। उनका विश्वास है कि शासन का असली मूल्यांकन सरकारी फाइलों में नहीं, बल्कि जनता की संतुष्टि में होता है।

“उनकी राजनीतिक यात्रा इस बात की गवाही है कि अगर राजनीति में सेवा की भावना जीवित हो, तो वह समाज परिवर्तन का सबसे प्रभावी माध्यम बन सकती है। उनकी सादगी, निष्ठा और कार्यकुशलता यह संदेश देती है कि नेतृत्व का अर्थ केवल शासन करना नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में विश्वास जगाना है। आज जब लोग राजनीति में भरोसा ढूंढ रहे हैं, तब जगदीश देवड़ा जैसे नेता उस भरोसे की मिसाल बनकर खड़े हैं।”

आज जब मध्य प्रदेश विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है, तब इस विकास की आर्थिक रीढ़ को सुदृढ़ करने में जगदीश देवड़ा जी की दूरदर्शी भूमिका निर्विवाद है। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि स्थायी विकास वही है जो ईमानदारी, पारदर्शिता और संवेदनशीलता से उपजे। राजनीति में जहाँ अक्सर लाभ की गणना प्राथमिक होती है, वहाँ उन्होंने मूल्य और मर्यादा को अपना आधार बनाया।

देवड़ा जी की यात्रा इस बात की मिसाल है कि यदि नेतृत्व में नीयत साफ हो, तो नीति अपने आप प्रभावी बन जाती है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि राजनीति का उद्देश्य सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और संतुलन स्थापित करना होना चाहिए।

आज जब जनता राजनीति में भरोसा तलाश रही है, तब जगदीश देवड़ा का व्यक्तित्व उस भरोसे की जीवंत तस्वीर बनकर सामने आता है — एक ऐसा नेता जो नीमच की मिट्टी से निकला, और पूरे प्रदेश का विश्वास का चेहरा बन गया।


लेखक सन्तोष कुमार 

संपादक दैनिक अमन संवाद समाचार पत्र भोपाल 

मो. न . 9755618891

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