जिनेश जैन
अमन संवाद/दमोह
मंगलवार को हायर सेकंडरी स्कूल टौरी में वार्डन सुश्री यशवंती मोहबे द्वारा किशोर अवस्था में बच्चों की नासमझी और उससे जुड़े खतरों पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आज के परिवेश में किशोरियों से हो रही गलतियों पर विशेष ध्यान आकर्षित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि किशोरावस्था अत्यंत संवेदनशील दौर है और इस दौरान होने वाली गलतियों के लिए माता-पिता और शिक्षक भी जिम्मेदार होते हैं क्योंकि समय पर आवश्यक मार्गदर्शन न मिलने से बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं और उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता है। कार्यक्रम में “किशोर अवस्था: अभिशाप या वरदान”, “शिक्षा का महत्व” और “आत्महत्या जैसे अत्यंत गलत निर्णय” जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से समझाइश दी गई। बताया गया कि नासमझी में उठाए गए कदम जीवन को अभिशाप बना देते हैं वहीं समझदारी और सही दिशा जीवन को वरदान में बदल देती है।
इसी उद्देश्य से विद्यालय में बच्चों की ऊर्जा और ध्यान को सही दिशा देने हेतु स्पोर्ट्स टीचर, ब्यूटिशियन टीचर और कंप्यूटर टीचर की नियुक्ति की गई है ताकि विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को सही जगह लगाकर सफल भविष्य की ओर बढ़ सकें। दूसरे बिंदु में शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया कि यह जीवन का बहुमूल्य समय है जिस पर पूरी जिंदगी आधारित होती है। इसलिए पूरी लगन और अनुशासन के साथ अध्ययन करना आवश्यक है क्योंकि यह समय दोबारा नहीं मिलता। तीसरे बिंदु में परीक्षा में अपेक्षित परिणाम न आने पर आत्महत्या जैसे कदम उठाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चर्चा की गई। विद्यार्थियों को समझाया गया कि असफलता अंत नहीं बल्कि यह संकेत है कि तैयारी और बेहतर करने की आवश्यकता है। असफलता से डरकर जीवन समाप्त करना नहीं बल्कि मेहनत बढ़ाकर सफलता हासिल करना ही सही मार्ग है।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य देवेंद्र सिंह, राघवेंद्र रॉयल, धर्मेंद्र यादव और शकीला खान द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किए गए जिससे बच्चों में समझ, आत्मविश्वास और जागरूकता का विकास हो सके।


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