किसी भी लोकतांत्रिक देश में पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना, वास्तविकता को तथ्यों सहित सर्वजन के समक्ष लाना, जनहित के मूलभूत मुद्दों पर प्रकाश डालना, समाज की विसंगतियों को के प्रति जागरूकता बढ़ाना होता है। लेकिन अब अक्सर देखने को मिल रहा है कि पत्रकारिता अपने दायित्व से भटकती सी रही है और व्यक्तिगत हितों या अदृश्य दबावों के कारण सच्चाई को छिपाने या विकृत करने का काम कर रही है अथवा कर देती है।
ऐसा होना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है; क्योंकि इसके चलते जनता का विश्वास टूटता है। वास्तविकता अथवा सच्चाई को छिपाने से समाज में भ्रम और अफवाहें फैलती हैं। पत्रकारिता की विश्वसनीयता कम होती है और समाज में नैतिक मूल्यों का ह्रास होता है।
ऐसे में वास्तविक पत्रकारों को चाहिए कि पत्रकारिता में नैतिक मूल्यों का पालन करें। सच्चाई को उजागर करने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता के उद्देश्यों को पूरा करने में अहम भूमिका अदा करें। पत्रकारिता के दायित्व को समझें और उसका पालन करने के लिए अच्छी शिक्षा और प्रशिक्षण लें ताकि उनपर सवालिया निशान ना लगे।
-श्याम सिंह 'पंवार'
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