8 मार्च को विधि संकाय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला" लीगल रिसर्च राइटिंग एंड मेथाडोलॉजी" के द्वितीय दिवस के तृतीय सत्र के मुख्य वक्ता रहे ज्ञान प्रकाश केसरवानी चेयरमैन Vidhi agaaz Group, उन्होंने "अंडरस्टैंडिंग एंड रायटिंग फॉर डिफरेंट ऑडियन्स" विषय पर प्रकाश डालते हुए अपने वक्तव्य में रिसर्च में नया कैसे प्राप्त करें , किन सोर्सेस का उपयोग करें,डाटा एनालेसिस, गूगल मैप, मनोपात्रा तथा लीगल रिसर्च के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि डाटाबेस के अभाव में शोध कभी सही नहीं हो सकता। चतुर्थ - सत्र में डॉ . सचिन रस्तोगी - डीन , विधि संकाय, जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय ने "गेटिंग पब्लिश्ड इन ब्लॉग्स एंड लॉ जर्नल्स" विषय पर अपने व्याख्यान में शोध प्रविधि , ब्लाग्स कैसे लिखें, क्या सावधानियां बरतें ,कैसे प्रभावी बनाएं व किन मापदंडों का प्रयोग करें, लॉ जर्नल्स के प्रकाशन में शोध की बारीकियों को उल्लेखित किया तथा गुणवत्तापूर्ण शोध कैसे संभव है कि जानकारी दी।
पंचम - सत्र के वक्ता डॉ. मनीष यादव- एसोसिएट प्रोफेसर, राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (NLIU) भोपाल ने "चूजिंग टॉपिक एंड सेलेक्टिंग ए जर्नल्स " विषय पर प्रकाश डालते हुए बुनियादी स्तर पर वैध लेखन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जर्नल्स के लिए विषय चयन कैसे करें , किन बातों का ध्यान रखें। परिश्रम का कोई शार्टकट नहीं होता। सफलता के रास्ते स्वयं तय करने होंगे।
कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में के .के.नायर सचिव श्री सत्य साईं सेवा संगठन उपस्थित थे। उन्होंने रिसर्च को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए सतत् सीखते रहने की बात कहीं। साथ ही श्री सत्य साईं बाबा के शाश्वत जीवन मूल्य सत्य , धर्म , शांति ,प्रेम और अहिंसा का जीवन में महत्व भी बताया।
दो दिवसीय कार्यशाला की रिपोर्ट
विधि विभाग की प्राध्यापक श्रीमती प्रियंवदा भार्गव ने प्रस्तुत की। साथ ही विद्यार्थियों ने कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताया।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ एवं शिक्षाविदों ने अपने अनुभव साझा किए और विद्यार्थियों को कानूनी क्षेत्र में नवीनतम प्रवृत्तियों, अनुसंधान विधियों एवं केरियर के अवसरों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक डॉ.प्रतिभा सिंह , प्राचार्य डॉ. अर्चना श्रीवास्तव विधि प्राचार्य डॉ. मीनेश हिन्डोलिया, विधि विभाग की समस्त प्राध्यापिकाएँ श्रीमती प्रियंवदा भार्गव, श्रीमती चारु त्रिवेदी,श्रीमती रजनी शर्मा, श्रीमती शालिनी कैथवास, श्रीमती आशा मांझी व समस्त प्राध्यापिकाएँ एवं विधि संकाय के अन्य महाविद्यालयों के छात्र- छात्राएँ उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन कु. हर्षिता कालिया व रिधिमा श्रीवास्तव बी.ए.एल.एल.बी. षष्ठ सेमेस्टर ने किया।
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