अमन संवाद/भोपाल
नेक द्वारा A+ ग्रेड प्राप्त श्री सत्य साई महिला महाविद्यालय, भोपाल में "लीगल रिसर्च राइटिंग एंड मेथडोलॉजी" विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित
दिनांक 7 मार्च 2025 को विधि संकाय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला" लीगल रिसर्च राइटिंग एंड मेथाडोलॉजी" का शुभारंभ हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती श्रीलेखा श्रोत्रिय,उपसचिव(IAS) मुख्यमंत्री कार्यालय उपस्थित थीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय को सफलतम पचास वर्ष पूर्ण करने पर बधाई दी। महाविद्यालय के आध्यात्मिक और सकारात्मक परिवेश की सराहना करते हुए कहा कि परंपरा के साथ ही आधुनिकता का समावेश आवश्यक है। हमें निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करना चाहिए। अपने क्षेत्र की विशेषज्ञ बनें। जीवन में मेडिटेशन और अध्ययन को नियमित स्थान दें। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति का पुंज है और शक्ति से ही सभी कुछ संभव है, अतः जीवन में बड़े सपने देखिए,संकल्प कीजिए, प्रयास कीजिए व अपने पथ पर आगे बढ़ते हुए लक्ष्य को प्राप्त कीजिए।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने अपनी उद्बोधन में कहा कि कहा कि वर्तमान में कानून पर शोध होना अत्यंत आवश्यक है। आज के परिवेश में विधि क्षेत्र में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को दृष्टिगत रखते हुए महिला दिवस को इस कार्यशाला हेतु चुना गया, क्योंकि महाविद्यालय निरंतर छात्राओं के बहुमुखी विकास के लिए संकल्पबद्ध रहा है और विभिन्न नवीन तकनीकी पाठ्यक्रमों के माध्यम से उनके जीवन को दिशा दे रहा है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ.अर्चना श्रीवास्तव ने उद्घाटन सत्र के समापन पर मुख्य अतिथि को धन्यवाद देते हुए कहा कि निश्चित ही आपके अनुभवी व्यक्तित्व से निःसृत शब्द हमारी छात्राओं के जीवन में परिवर्तन लाने में समर्थ होंगे।
कार्यशाला के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित लिट्सन के. स्टीफन – मैनेजिंग पार्टनर, S&S EduHub ने "इंट्रोडक्शन टू लीगल रिसर्च" विषय पर अपने वक्तव्य में रिसर्च के महत्व को उल्लेखित किया तथा शोध की बारीकियों एवं आधारभूत बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए लीगल रिसर्च, लीगल असाइनमेंट व प्रेजेंटेशन स्किल्स पर बल दिया।
कार्यशाला के द्वितीय सत्र की मुख्य वक्ता डॉ. मोना पुरोहित – डीन, विधि संकाय, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय,भोपाल ने "रिसर्च मैथड्स एंड लीगल डाटाबेस" विषय पर आधारित अपने वक्तव्य में शोध प्रविधियों से परिचित करवाते हुए, अध्ययन एवं शोध हेतु व्यवस्थित रूप से लीगल डाटाबेस का संग्रहण किस प्रकार किया जाए, उसकी तकनीक पर प्रकाश डाला।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ एवं शिक्षाविद् अपने अनुभव साझा करेंगे और विद्यार्थियों को कानूनी क्षेत्र में नवीनतम प्रवृत्तियों, अनुसंधान विधियों एवं केरियर के अवसरों पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
कार्यशाला के प्रथम दिवस के कार्यक्रम में महाविद्यालय की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह, प्राचार्य डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, विधि प्राचार्य डॉ. मीनेश हिन्डोलिया, विधि विभाग की समस्त प्राध्यापिकाएँ श्रीमती प्रियंवदा भार्गव, श्रीमती चारु त्रिवेदी,श्रीमती रजनी शर्मा, श्रीमती शालिनी कैथवास, श्रीमती आशा मांझी व समस्त प्राध्यापिकाएँ एवं विधि संकाय के अन्य महाविद्यालयों के छात्र- छात्राएँ उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन कु. आयुषी शर्मा बी.ए.एल.एल.बी. षष्ठ् सेमेस्टर की छात्रा ने किया।
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