अरुण लोधी / अमन संवाद / नरसिंहपुर
नर्मदा जी का प्रवाह वैसे तो पूरब से पश्चिम की ओर है, लेकिन भौगौलिक परिस्थितियों के कारण कहीं कहीं नर्मदा जी का प्रवाह उत्तर की ओर हो जाता है।
1300 किलोमीटर के मार्ग में ऐसा ही एक स्थान झांसी घाट से गौरा घाट के मध्य स्थित है,जहां रेवा जी उत्तरवाहिनी है। उत्तरवाहिनी परिक्रमा की महिमा ऐसी है कि चैत्र मास में इस परिक्रमा को करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है नरसिहपुर जिला के झांसीघाट से नृसिंह मंदिर गौरा घाट तक मां नर्मदा युवा सेवा संगठन के अध्यक्ष सत्येन्द्र पटैल (कुकलाह) के नेतृत्व में भगवती मां नर्मदा की उत्तर वाहिनी परिक्रमा सम्पन्न हुई,प्रथम वर्ष में ही यह दूसरी बार परिक्रमा चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को 12 अप्रैल 2025 दिन शनिवार सम्पन्न की गई। जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 90 -95 थी। परिक्रमा पथ अधिक लम्बा नहीं है लगभग दोनों तटों को मिलाकर 12-14 किलोमीटर है जो शास्त्रोक्त है सभी श्रद्धालुओं ने उमंग और उत्साह पूर्वक मैया जी का गुणगान करते हुए परिक्रमा किया। परिक्रमा मार्ग थोड़ा कठिन है किन्तु आनंददायक है। संगठन के अध्यक्ष सतेंद्र लोधी के अलावा सदस्य गण आनंद तिवारी,मालक सिंह लोधी, जितेन्द्र पटेल, डिप्टी साहब, अभिषेक यादव, रविन्द्र रजक,प्रिंस,लीलेश रजक, आर्यन सेन, राकेश मेहरा, संतोष पटेल,चंदन, प्रशांत, बलराम, हरवंश, अभिषेक विश्वकर्मा, सुबोध,अनुज पटेल, अतुल पटेल,संजय यादव, लक्ष्मण,संदीप यादव, मुकेश यादव, राहुल कुशवाहा,पवन मेहरा, रामेश्वर पटेल, के अलावा महिला मंडल में प्रभा पटेल, मनीषा पटेल,छोटी बाई पटेल, गोमती पटेल,रजनी विश्वकर्मा,संगीता लोधी,चेना बाई पुना देवी के अलावा अनेकों श्रद्धालुओं ने परिक्रमा करके पुण्य लाभ कमाया। परिक्रमा के पश्चात मां रेवा का पूजन अर्चन किया गया और घाट पर ही सभी भक्तों के लिए संगठन द्वारा भोजन व्यवस्था की गई।
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