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मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा विभागीय नवाचार

अमन संवाद/भोपाल




मध्य प्रदेश पुलिस के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही पुलिस व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, जनोन्मुखी, और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए कई नवाचारों को लागू करने की दिशा में कदम उठाए हैं। 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी मकवाना ने अपने व्यापक अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता (मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक.) का उपयोग करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस को आधुनिक चुनौतियों, जैसे साइबर अपराध, संगठित अपराध, और सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इस लेख में उनके द्वारा शुरू किए गए प्रमुख नवाचारों और उनकी दृष्टि पर प्रकाश डाला गया है।

*थाना स्तर पर जनसुनवाई: जनता के प्रति जवाबदेही**

डीजीपी कैलाश मकवाना ने पुलिस को जनता के करीब लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें प्रत्येक मंगलवार को थाना स्तर पर जनसुनवाई का आयोजन शामिल है। इस पहल का उद्देश्य आम लोगों की शिकायतों का त्वरित और स्थानीय स्तर पर समाधान करना है, ताकि उन्हें पुलिस अधीक्षक या उच्च अधिकारियों के कार्यालयों तक न जाना पड़े। इस नवाचार से न केवल पुलिस और जनता के बीच विश्वास बढ़ेगा, बल्कि छोटी-मोटी शिकायतों का तुरंत निपटारा भी होगा। मकवाना ने यह भी निर्देश दिया है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाए, जबकि लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई हो। यह कदम पुलिस की कार्यशैली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।

*साइबर अपराधों पर नियंत्रण: तकनीकी दृष्टिकोण**

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। डीजीपी मकवाना ने इसे अपनी प्राथमिकता बनाया है और इसके खिलाफ एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है। उन्होंने न केवल वैधानिक कार्रवाइयों को मजबूत करने पर जोर दिया है, बल्कि सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की बात कही है। उनके नेतृत्व में पुलिस ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी संसाधनों का उपयोग शुरू किया है। यह नवाचार मध्य प्रदेश पुलिस को आधुनिक अपराधों से निपटने में सक्षम बनाता है।

*नशे के खिलाफ अभियान: सामाजिक जिम्मेदारी**

मकवाना ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए "नशे से दूरी - है जरूरी" अभियान शुरू किया है, जो 15 जुलाई 2025 से 30 जुलाई 2025 तक चला। इस अभियान का उद्देश्य किशोरों और युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और उन्हें इससे दूर रखना है। इस पहल में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया गया, जिससे पुलिस और समाज के बीच सहयोग बढ़ा। यह अभियान पुलिस की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है और इसे जनता के साथ जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है।

*यातायात सुरक्षा और जागरूकता**

यातायात दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मकवाना ने यातायात सुरक्षा और जागरूकता अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया है। इसके तहत इंजीनियरिंग डिजाइनों और अन्य विभागों के साथ समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह नवाचार न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देता है, बल्कि पुलिस की कार्यशैली को तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मजबूत करता है।

*क्षेत्रीय समीक्षा और बेहतर पुलिसिंग**

मकवाना ने पूरे प्रदेश में पुलिसिंग की स्थिति को समझने के लिए क्षेत्रीय समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने उज्जैन और इंदौर जोन में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें कीं, जिसमें अपराध नियंत्रण, महिला सुरक्षा, और संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इन बैठकों के माध्यम से उन्होंने मैदानी स्तर पर पुलिसकर्मियों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया, जिससे पुलिस तंत्र को और चुस्त-दुरुस्त करने में मदद मिल रही है।

*महिला सुरक्षा और अपराध नियंत्रण**

महिला अपराधों पर अंकुश लगाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मकवाना ने विशेष जोर दिया है। उनकी रणनीति में पुलिस थानों पर महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लेना और त्वरित कार्रवाई करना शामिल है। यह कदम पुलिस को जनता के प्रति अधिक संवेदनशील और जवाबदेह बनाता है।

*सिंहस्थ 2028 की तैयारी**

मकवाना ने 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों को भी प्राथमिकता दी है। इस विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन को सुरक्षित, सुव्यवस्थित, और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए पुलिस ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। यह दीर्घकालिक योजना पुलिस की दूरदर्शिता को दर्शाती है।

डीजीपी कैलाश मकवाना का नेतृत्व मध्य प्रदेश पुलिस के लिए एक नए युग की शुरुआत है। उनकी तकनीकी विशेषज्ञता, सामाजिक जिम्मेदारी, और जनोन्मुखी दृष्टिकोण ने पुलिस व्यवस्था में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। थाना स्तर पर जनसुनवाई, साइबर अपराधों पर नियंत्रण, नशे के खिलाफ अभियान, और क्षेत्रीय समीक्षा जैसे नवाचार न केवल पुलिस की कार्यशैली को बेहतर बना रहे हैं, बल्कि जनता के बीच विश्वास भी बढ़ा रहे हैं। मकवाना की यह दृष्टि मध्य प्रदेश को एक सुरक्षित और भरोसेमंद राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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