कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय टौरी दमोह की चमक बढ़ी
जिनेश जैन
अमन संवाद/दमोह
दमोह जिले के जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाला कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय टौरी आज अपने अनुशासन,व्यवस्थाओं और छात्राओं की असाधारण उपलब्धियों के कारण पूरे संभाग में पहचान बना चुका है। यह विद्यालय दमोह–जबलपुर मुख्य मार्ग पर स्थित हथनी जापान मार्ग के निकट स्थित है। बीते कुछ वर्षों में यहाँ जो परिवर्तन दिखाई देता है उसका मुख्य कारण है वार्डन सुश्री यशवंती मोहवे जिन्होंने अपनी सेवाभाव, कठोर मेहनत और सतत निगरानी से इस विद्यालय को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।
सुश्री मोहवे के यहाँ पदस्थ होने से पहले यह विद्यालय साधारण स्तर पर कार्यरत था लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी जिम्मेदारी संभाली विद्यालय का वातावरण, अनुशासन, स्वच्छता, शिक्षा व्यवस्था और सांस्कृतिक गतिविधियाँ पूरी तरह रूपांतरित होने लगीं। उनके नेतृत्व में परिसर की रौनक बढ़ी,छात्राओं में आत्मविश्वास विकसित हुआ शिक्षा के साथ–साथ कला, खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ी छात्राओं की जरूरतों पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जाने लगा। यह परिवर्तन इतना व्यापक था कि स्थानीय लोग भी आज इस विद्यालय को जिले के आदर्श आवासीय विद्यालय के रूप में देखने लगे हैं।
टौरी जैसे ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर छात्राओं ने नृत्य–नाटिका में अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँचकर दमोह जिले का नाम रोशन किया। यह उपलब्धि स्वयं में असाधारण है। इसी के साथ संभाग स्तरीय प्रतियोगिता सागर में भी विद्यालय की टीम का चयन हुआ। सांस्कृतिक गतिविधियों में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है l बालिकाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण,अभ्यास और मार्गदर्शन की व्यवस्था की गई। इन सफलताओं का श्रेय निस्संदेह सुश्री मोहवे और उनकी टीम को दिया जाता है जिन्होंने ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने में कोई कमी नहीं छोड़ी जिला स्तर पर यह पहली मिसाल है कि कोई वार्डन मुख्यालय को छात्रावास ही बना ले और 24 घंटे वहीं रहकर बालिकाओं की सुरक्षा व व्यवस्थाओं पर निरंतर निगरानी रखे। उनके रहते रात्रि में भी छात्राओं को हर समय सुरक्षा उपलब्ध रहती है। प्रबंधन, भोजन, चिकित्सा और समय सारिणी पर सतत निगरानी रहती है। उनकी यह जिम्मेदारी और समर्पण आज जिला प्रशासन के लिए भी एक प्रेरणादायक मॉडल बन चुका है।
सुश्री मोहवे का मानना है कि “ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं की प्रतिभा किसी से कम नहीं बस सही मार्गदर्शन और सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता होती है।” इसी सोच के साथ वे हर छात्रा को आगे बढ़ने और निडर होकर सीखने के अवसर उपलब्ध कराती हैं। उनके प्रयासों से कई बालिकाएँ जिला स्तर पर चयनित हो चुकी हैं। सांस्कृतिक क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। छात्राओं में आत्मविश्वास, शिष्टाचार और नेतृत्व क्षमता विकसित हो रही है
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय टौरी आज जिस ऊँचाई पर है वह सुश्री यशवंती मोहवे जैसे समर्पित व्यक्तित्व के कारण संभव हुआ है। उनकी निष्ठा, सेवाभाव और बालिकाओं के लिए करुणा ने विद्यालय को नई पहचान दी है।


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