राज्य ब्यूरो
अमन संवाद/लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बापू भवन, सचिवालय में शुक्रवार को श्रम विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में बाल श्रम उन्मूलन, पुनर्वास और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव (श्रम) डॉ. एम. के. शनमुगा और श्रमायुक्त (उ.प्र.) मार्कण्डेय शाही ने संयुक्त रूप से की।
बैठक में लघु उद्योग भारती की ओर से कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष अनुराग मालवीय और सलिल गुप्ता ने हिस्सा लिया। अनुराग मालवीय ने कानपुर देहात में लघु उद्योगों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, वित्तीय सहायता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। मालवीय ने उद्यमियों के हित में नीतिगत सुधारों के लिए ठोस सुझाव भी प्रस्तुत किए, जिससे उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद मिल सके।
*बाल श्रम पर रोक और पुनर्वास के प्रयास*
बैठक का एक प्रमुख एजेंडा बाल श्रम उन्मूलन और प्रभावित बच्चों के पुनर्वास पर केंद्रित था। श्री मार्कण्डेय शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए कड़े कानूनों के साथ-साथ जागरूकता अभियान और पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बाल श्रम में लिप्त बच्चों को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। बैठक में बाल श्रम निगरानी तंत्र को और सशक्त करने पर भी जोर दिया गया।
**लघु उद्योग भारती की भूमिका**
लघु उद्योग भारती कानपुर देहात जिलाध्यक्ष अनुराग मालवीय ने बताया कि उनकी संस्था उद्यमियों के हितों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है। कानपुर देहात में उद्योगों के सामने बिजली, ड्रेनेज सिस्टम व सरकारी योजनाओं तक पहुंच जैसे मुद्दों को वे समय-समय पर प्रशासन के समक्ष उठाते रहे हैं। इस बैठक में भी उन्होंने इन समस्याओं को रेखांकित करते हुए समाधान के लिए रचनात्मक सुझाव दिए। मालवीय ने कहा, "हमारा उद्देश्य न केवल उद्योगों का विकास करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि औद्योगिक गतिविधियों में बाल श्रम का कोई स्थान न हो।"
**आगे की राह**
यह बैठक उत्तर प्रदेश में उद्योगों के विकास और बाल श्रम उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। सरकार और लघु उद्योग भारती जैसे संगठनों के बीच इस तरह के संवाद से नीतियों को और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी। अनुराग मालवीय जैसे स्थानीय नेतृत्व की सक्रिय भागीदारी से क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान और तेजी से होने की उम्मीद है। इस बैठक ने न केवल उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए, बल्कि बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए भी एक मजबूत संकल्प व्यक्त किया।
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