कभी 22 दिन की बेटी को लेकर पहुँचीं ऑफ़िस तो कभी बुजुर्ग की बात सुनने को ज़मीन पर बैठी सौम्या पांडे
शोभित तिवारी / स्टेट हेड उत्तर प्रदेश
की वो खुद राह चुनते हैं आसमानो की
परिंदों को नहीं दी जाती तालीम उड़ानों की। और जो रखते हैं हौसला आसमान छूने का उन्हें नहीं परवाह होती गिर जाने की॥ ऐसा बोलती हैं उत्तर प्रदेश की एडिशनल लेबर कमिश्नर सौम्या पांडे। जी हाँ हम बात कर रहे हैं 2017 बैच की
ऑल इंडिया रैंक 4 आईएएस सौम्या पांडे की। बता दें कि पहले प्रयास में सौम्या पांडेय ने क्रैक की थी यूपीएससी की परीक्षा और महज 23 साल की उम्र में बनीं थी आईएएस अफसर। सौम्या पण्डे ने 2019 में ग़ाज़ियाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एवं 2020 में कानपुर देहात में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में कार्य किया और अब उत्तर प्रदेश की एडिशनल लेबर कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं। सौम्या पांडे अक्सर अपने काम को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके काम के प्रति लगन और उत्साह को देखकर हर कोई उनकी खूब तारीफ करता है। दरअसल, एक बार एक बुर्जुग की समस्या सुनने के लिए वे जमीन पर बैठ गई थीं। अफसर का यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने उन्हें खूब सराहा था। इस बात पर सौम्या पांडे ने कहा कि उस समय वे कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी थी और वह अपने दफ़्तर से बाहर निकल रही थी, तभी उन्होंने एक बुजुर्ग को अपने ऑफ़िस की तरफ़ ज़मीन से घिसलते हुए आते देखा तो उनसे रहा नहीं गया और वह उनके पास पहुँची और ज़मीन पर बैठकर उनकी समस्या को सुना और संबंधित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से समस्या के निवारण के लिए निर्देश दिए। तो उससे पहले भी ग़ाज़ियाबाद में कोविड के समय अपनी 22 दिन की बेटी को लेकर ऑफ़िस पहुँच गई थी।जिसको लेकर अफ़सर की आज भी चर्चा हुआ करती है। वहीं जब इस संबंध में सौम्या पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड का समय था, और वे उस समय नोडल अधिकारी थी और वे मेडिकली फिट भी थी, जिसके बाद उन्हें लगा कि ऐसे समय उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है उन्होंने कहा कि ख़ास तौर पर हमें तब अपने कर्तव्यों का और बेहतर तरीक़े से पालन करना चाहिए जब हमारी देश को और हमारे लोगों के ज़रूरत हो। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा उन अनगिनत महिलाओं से भी मिली है, जो गाँव क्षेत्रों में अपने खेतीबाड़ी इत्यादि काम के साथ व मज़दूरी के दौरान अपने एक हाथ में बच्चे को भी लिए होती है और काम भी कर रही होती है। आपको बता दें कि सौम्या पांडे का मृदुभाषी स्वभाव लोगों को बेहद पसंद आता है,क्योंकि लोगों का मानना है कि यदि अधिकारी उनसे उनकी समस्या सरल स्वभाव और प्यार से पूछता है, तो वह अपनी समस्या को और बेहतर तरीक़े से व बेझिझक बता पाते हैं। वहीं सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियों के लिए सौम्या पांडे ने कहा कि निराशा से घबराए नहीं, क्योंकि असफलता अंत नहीं बल्कि एक मोड़ है। आपको अपने अंदर एक विश्वास बनाकर रखना है, और उन लोगों की बातों को नज़रअंदाज़ करना है जिनकी बातें आपको डिमोटीवेट करती हों क्योंकि यह सपना आपने देखा है तो इसे पूरा भी आपको ही करना होगा। जीवन में निराशा और असफलता का आना बहुत आम बात हैं। क्योंकि असफलता हमको हर बार कुछ न कुछ नया सिखा कर ही जाती है, यदि एक या दो या तीन प्रयास में सफलता नहीं मिल रही तो निराश न हों, बल्कि उन लोगों को देखें जिन्हें पांचवें प्रयास मे या छठवें प्रयास में सफलता मिली है।बस ज़रूरत है आपको अपने अंदर विश्वास रखने की और सच्ची मेहनत लगन के साथ लगे रहने की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मै उन माता पिता से भी कहना चाहूंगी की जिनके बच्चे सिविल सर्विसेज़ या किसी अन्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वे उनका विश्वास न टूटने दें बल्कि अपने बच्चों का सपोर्ट करें और उन बच्चों को भी देखें जिन्हें कई प्रयासों के बाद सफलता मिली है । इसलिए उन्हें अवसर प्रदान करें क्योंकि बच्चों को एक अवसर की आवश्यकता होती है और वो हमें उन्हें देना चाहिए। इसी के साथ हमारे कानपुर देहात से जुड़े कुछ उद्यमियों के सवालों के भी जवाब दिए, इसके साथ ही उन्होंने चाइल्ड लेबर के संबंध में बात की और उद्यमियों को एवं ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी फ़ैक्ट्री में कारख़ाने में कोई भी चाइल्ड लेबर पाया गया तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी व फ़ैक्ट्री प्रबंधन व उद्यमी श्रमिकों की सेफ़्टी का ध्यान अवश्य रखें फ़ैक्ट्री में कार्य कर रहे श्रमिकों के लिए हेलमेट सेफ़्टी बेल्ट इत्यादि की व्यवस्था अवश्य होनी चाहिए यदि जाँच के दौरान यह चीज़ें नहीं पाई गई तो सख़्त कार्रवाही की जाएगी।
किसी भी फ़ैक्ट्री या कारख़ाने में जाँच के दौरान यदि चाइल्ड लेबर पाया गया तो फ़ैक्ट्री प्रबंधन व ठेकेदार पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एवं श्रमिकों की सुरक्षा का बेहद ध्यान रखें उद्यमी।
एडिशनल लेबर कमिशनर उत्तर प्रदेश, सौम्या पांडे
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