अमन संवाद/देवास
शनिवार को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस श्री कृष्णाजी राव पवार शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवास के इको क्लब द्वाराइप्को के सहयोग से कार्बन रिडक्शन एंड सस्टेनेबल गोल्स विषय पर
कार्यशाला का आयोजन किया गया
कार्यक्रम के संयोजक प्रो जितेंद्र सिंह राजपूत ने अतिथि परिचय दिया,और कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य बताया।
कार्यक्रम मुख्य वक्ता केप्टन डॉ संजय सिंह बरोनिया द्वारा कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन एवं सस्टेनेबल गोल में इसकी भागीदारी विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया l डॉ बरोनिया ने बताया कि
कार्बन संग्रहण, जिसमें प्राकृतिक समाधान (जैसे वन, मैंग्रोव, मिट्टी) और तकनीकी उपाय (कार्बन कैप्चर एवं स्टोरेज, डायरेक्ट एयर कैप्चर शामिल हैं, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जलवायु परिवर्तन को सीधे समर्थन देता है, क्योंकि यह वायुमंडल से CO₂ को हटाकर ग्लोबल वार्मिंग को 1.5°C तक सीमित करने में मदद करता है। उद्योगों (SDG 9) में CCS का उपयोग सीमेंट और स्टील जैसे क्षेत्रों को डीकार्बनाइज करने के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि बायोएनर्जी के साथ CCS (BECCS) स्वच्छ ऊर्जा (SDG 7) और नकारात्मक उत्सर्जन को संभव बनाता है।
प्राकृतिक संग्रहण, जैसे वनों का पुनरुद्धार और महासागरीय पारिस्थितिकी का संरक्षण, जैव विविधता (SDG 14, 15) को बढ़ावा देते हुए कार्बन अवशोषित करता है।
समुदाय-आधारित वनीकरण और जैव विविधता संरक्षण परियोजनाओं को प्राथमिकता देना शामिल हैं l
डॉ बरोनिया के अनुसार कार्बन संग्रहण SDGs के बीच सेतु का काम करता है, लेकिन इसके लिए प्रौद्योगिकी, प्रकृति और न्याय के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है।
इसके बाद डॉ लीना दुबे ने अपने व्याख्यान में बताया कि कार्बन रिडक्शन के लिए सस्टेनेबल जीवन शैली अपनानी पड़ेगी जो प्रकृति के साथ सामंजस्य करते हुए मिशन लाइफ के सिद्धांतों को अपना कर पाई जा सकती हे जिसके लिए स्वयं की भूमिका महत्वपूर्ण हे।
अंत में डॉ सीमा सोनी ने किस प्रकार हम अपनी जीवन शैली के माध्यम से। कार्बन रिडक्शन करने में सहयोग कर सकते हे ,के उदाहरण दैनिक क्रिया कलापों के माध्यम से दिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सर्वपाल सिंह राणा द्वारा की गई इन्होंने विज्ञान विषय के महत्व पर अपने विचार रखेl
कार्यक्रम का संचालन डॉ संदीप सिंह नागर द्वारा किया गया एवं आभार विभागाध्यक्ष प्रो राकेश कोटिया द्वारा माना गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विधार्थी, डॉ जया गुरनानी
डॉ ललिता गोरे के साथ 68 छात्र छात्राएं ने सहभागिता की।
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